फेड की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद यूरो बुल्स ने मार्केट में लौटने की कोशिश की मगर नाकामयाब रहे, इसके बाद बियर को मार्केट को अपनी ओर खींचने का अवसर मिला। यील्ड कर्व को रोकने के उपाय और लेंडिंग इंडिकेटर की घोषणा नही हुई जिससे मार्केट के प्रतिभागी खौफजदा थे इसीलिए अमेरिकी डॉलर पर दवाब हल्का कम हो गया।
फेड इंटरेस्ट रेट को 0.00% और 0.25% के बीच और डिस्काउंट रेट को 0.25% पर रख रहा है जिसका कारण कोरोनवायरस महामारी से आर्थिक विकास, इन्फ्लेशन और कम समय के लिये रोजगार पर दबाव का होना है, इससे अर्थव्यवस्था में मध्य अवधि के लिये जोखिम बढ़ जाता है।
सेंट्रल बैंक ने अपने हर महीने $80 बिलियन के ट्रेजरी बांड की खरीद की गति को बरकार रखने की घोषणा की। इससे पता चलता है की रेगूलेटर को अर्थव्यवस्था की तेज गति जिससे ओवरहीटिंग का खतरा रहता है से डर है और साथ हीं यह आर्थिक गतिविधियों में रिकवरी के बाद कर्ज के दायित्वों की खरीदारी को भी कम करने का वायदा करता है। इसीलिये, डेटा के अनुसार, पिछले सप्ताह फेड के द्वारा $22.5 बिलियन के ट्रेजरी बांड को खरीदने के बाद इस सप्ताह $20 बिलियन के ट्रेजरी बांड को खरीदा जायेगा।
2022 के अंत तक FOMC का पूर्वानुमान है कि फेडरल फण्ड के रेट का एवरेज 0.1% रहेगा, यह लंबे समय मे अपने टारगेट 2.5% पर लौट जायेगा। 2023 तक फेड को रेट में कोई उछाल नही दिख रहा है।
जहाँ तक अर्थव्यवस्था के अनुमान और संभावनाओं की बात है, फेड के अनुसार अमेरिकी जीडीपी 2020 में 6.5% से घट जायेगी। रेगूलेटर के लिए बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, इस साल अनुमानित हैं कि यह 9.3% तक पहुँच जायेगा और 2021 मे कम होकर 6.5% और 2022 में 5.5% पहुँच जायेगा।
इन्फ्लेशन की बात करें तो स्थिति अनुमान से ज्यादा खराब लग रही है। कल प्रकाशित हुए रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में तेजी से गिरने के बाद मई के महीने में अमेरिकी उपभोगता प्राइस और नीचे गिर गया। हालांकि खाद्य प्रदार्थों के दाम में उपभोगताओं की मांग के कारण बढ़त देखने को मिली, सामानों की अन्य श्रेणियों के दाम में अभी भी कमी बनी हुई है। अतः अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ लेबर की रिपोर्ट के अनुसार, अप्रैल में 0.8% से गिरने के बाद मई 2020 में CPI 0.1% से गिरने लगा। जहाँ तक कोर इन्फ्लेशन की बात है जिसमे अस्थिर श्रेणियों को नही गिना जाता है, इसमे भी इंडिकेटर अप्रैल में 0.4% से गिरने के बाद करीब 0.1% से गिरा।
इन आंकड़ो से फ़ेडरल रिज़र्व सिस्टम के पूर्वानुमान की पुष्टि होती है जो 2020 में इन्फ्लेशन के लेवल को 0.8% पर रहने और 2021 में 1.6% से बढ़ने की उम्मीद कर रहा था।
फेड के चेयरमैन जेरोम पावेल ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोरोनावायरस महामारी के दुष्प्रभावों जैसे भारी नुकसान और भविष्य की अनिश्चितता के बारे में चर्चा की। उनके अनुसार, ऐतिहासिक स्टैंडर्ड के हिंसाब से बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन कर आई है और इन्फ्लेशन फेड के टारगेट लेवल से काफी नीचे रहा जिससे अतिरिक्त दिक्कतें हुई। जहाँ तक मंदी के मूल्यांकन और सीमा की बात है तो पॉवेल ने इसका सटीक जवाब नही दिया, उन्होंने कहा की सब कुछ वायरस और इसकी दूसरी लहर को रोकने की सफलता के ऊपर निर्भर करेगा। फिर भी, अर्थव्यवस्था को संभालने के लिये फेड सभी प्रकार के साधनों का प्रयोग करेगा, और आने वाले महीनों में मार्केट को सुचारू रखने के लिये ट्रेजरी और मोर्टगेज सेक्युरिटी अपने पिछले लेवल पर रहेगी।
जहाँ तक यूरो की बात है, इसे मजबूत सपोर्ट नही मिला क्योंकि फेड ने यील्ड कर्व को नियंत्रित रखने के लिये उपायों की चर्चा नही की।
फेड ने योजना के अनुसार हीं बरताव किया और स्थिति को आगे नही बढ़ाया, उन्होंने अनुमान के अनुसार पोजीशन अपनाया, जिससे अमेरिकी डॉलर में रिस्की एसेट के मुकाबले थोड़ी मजबूती देखने को मिलेगी उस समय तक जब वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर से कोई अच्छी खबर नही आती हो।
जहाँ तक यूरोज़ोन अर्थव्यवस्था के मैक्रोएकॉनॉमिक आंकड़ो की बात है, कल का पूरा ध्यान फ्राँस के औद्योगिक उत्पाद के ऊपर रिपोर्ट पर था जिसमे तेजी से कमी दिख रही है। डेटा के अनुसार, मार्च के मुकाबले अप्रैल में औद्योगिक उत्पाद 20.1% से कम जो गया, यहीं अर्थशास्त्रियों ने 18.6% की कमी का अनुमान लगाया था।
कल प्रकाशित हुए OECD रिपोर्ट का मार्केट पर कोई प्रभाव देखने को नही मिला, भले हीं इस रिपोर्ट के अनुसार वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर रूप से छोटी होने वाली है। डेटा के अनुसार, ग्लोबल जीडीपी 2020 में 6% से कम हो जायेगा और 2021 में 5.2% से रिकवरी होगी। लेकिन अगर महामारी की दूसरी लहर आती है तो 2020 में अर्थव्यवस्था 7.6% से कम हो जायेगी और 2021 में विकास की गती 2.8% से ज्यादा नही होगी। विश्व की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के अनुमान पर नज़र डालें तो अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं की अमेरिकी अर्थव्यवस्था 2020 में 7.3% से कम हो जायेगी और 2021 में 4.1% से रिकवरी देखने को मिलेगी। वहीं चीन में अर्थव्यवस्था 2020 में 2.6% से सिकुड़ जायेगी।
EUR/USD जोड़े की टेक्निकल पिक्चर की बात करें तो रेसिस्टेंस लेवल 1.1400 पर बुलिश मूड का जारी रहना निर्भर करेगा, इससे ब्रेकआउट होने के बाद बैल कोट्स को 1.1460 और 1.1520 को ऊँचाई तक ले जा सकते हैं। इसी बीच आज बियर 1.1325 के स्थानीय स्तर से नीचे जाने की कोशिश करेंगे, इसमे सफलता से कोट्स 1.1245 और 1.1140 के सपोर्ट लेवल तक पहुँच जायेंगे।