चाँदी ने नई ऊँचाइयों को छू लिया

2013 के बाद पहली बार चांदी की कीमत अपने अधिकतम स्तर पर पहुँच गयी। आज प्रति ट्रॉय औंस की कीमत $23.27 है। सोने के दाम में भी तेजी बरकरार रही और अभी यह $2,874 प्रति ट्रॉय औंस के स्तर पर बिक रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो इस साल के अंत तक सोने के दाम में 20% की बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।

बाजार की स्थिति काफी मुश्किल और अनिश्चित है। बड़े स्तर पर सपोर्ट के उपायों और अभूतपूर्व बैंक नोटों की छपाई के कारण इन्फ्लेशन बढ़ सकता है। अमेरिका और विश्व के कई अन्य देशों में प्रमुख ब्याज दर नेगेटिव है। साथ हीं, नवंबर में कोरोनावायरस के इंफेक्शन की दूसरी लहर के खतरे के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। हालाँकि निवेशक का रुझान अभी भी कीमती धातुओं/ प्रीशियस मेटल की खरीदारी है।

जब तक सोना अपने उच्चतम स्तर तक नही पहुँच गया था, निवेशकों में चांदी खरीदने में दिलचस्पी थी। 2020 की शुरुआत से अभी तक सोने ने 23.34 प्रतिशत की बढ़त बनाई है वहीं चांदी ने 28.80 प्रतिशत की। एक महीने के अंदर चांदी ने 26.3 प्रतिशत की उछाल लगाई वहीं सोना बस 5 प्रतिशत से बढ़ पाया।

सक्सो बैंक में कमोडिटी की रणनीति के प्रमुख ओले हेंसन ने आज कीमतों में हो रही हलचल का कारण बताया। इसका कारण है गर्मी के महीनों में कम लिक्विडिटी का होना जिससे दामों को आसानी से ऊपर या नीचे धकेला जा सकता है।

सक्सो बैंक का मानना है कि अमेरिकी डॉलर के कमजोर होने और सोने में उछाल से चांदी नई ऊंचाई पर पहुंच जाएगी। कॉमर्ज़बैंक के विशेषज्ञ भी सक्सो बैंक की इस धारणा से सहमती रखते हैं। वो अब इस बात से आश्वस्त हैं की यह ऊपरी रुझान जारी रहेगा। अब इन कीमतों में गिरावट का लाभ उठाने और अधिक अनुकूल शर्तों पर खरीदने का समय आ गया है।

दाम में इस बढ़त का कारण है अमरीका और चीन के बीच हो रहा अप्रत्यक्ष मुकाबला और साथ हीं अमेरिका और भारत में महामारी के कारण होने वाली मुश्किलों का। वाशिंगटन और चीन ने दोनों देशों में कई वाणिज्य दूतावासों को बंद करने की धमकी दी है। इसके कारण, निवेशकों ने एक बिगड़ते संकट के मामले में अपनी बचत को बचाने के लिए कीमती धातुओं को खरीदना शुरू कर दिया।

महामारी की शुरुआत से सोने और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। यूरोपीय संघ द्वारा 750 अरब यूरो की राशि में यूरोजोन अर्थव्यवस्था के लिए सहायता उपायों के एक पैकेज को मंजूरी देने के बाद डॉलर के कमजोर होने के कारण ऊपर की ओर एक तेज उछाल आया। नतीजतन, कीमती धातुओं की कीमतों ने अपने 9 साल के उच्च स्तर को पा लिया।